खबर है कि लगभग 32 लाख से ज्यादा केंद्रीय

खबर है कि लगभग 32 लाख से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारी 11 जून से

खबर है कि लगभग 32 लाख से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारी 11 जून से अनिश्चित कालीन हडताल पर जायेंगे। सरकारी कर्मचारी जो मोटा वेतन पाते हैं, सप्ताह में सिर्फ पांच दिन कार्य करते है वह भी कुछ घंटो के लिए, सरकार से वेतन के अतिरिक्त जीवन पर्यंत सुख सुविधाऐं भोगते है, इसके अलावा अपने ओहदे के कारण कुछ विशेष कृपा दृष्टि’ भी पाते है तथा इन सबके एवज में कर्तव्य शून्य। इतना होटल हुए भी हडताल? एक बेचारा कारोबारी सातो दिन काम करता है, लाभ होगा य हानि कुछ पता नही, जब तक काम करेगा तभी तक पायेगा कोई पेंशन व्यवस्था नही, सारे के सारे कर्तव्य, अधिकार शून्य। सरकारो को यह तय करना है कि भारत को व्यापारिक राष्टृ बनाना है या सरकारी कर्मचारियों का हडताली राष्ट्र?

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